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चंदा मामा तोफहे में प्रज्ञान और विज्ञान को भेज रहे है स्वीकार करना।

चंदा मामा तोफहे में प्रज्ञान और विज्ञान को भेज रहे है स्वीकार करना।


चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो ( ISRO) ओर समस्त देश वासियों को बधाईयां !
वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद अंतरिक्ष की दुनियां में भारत एक के बाद एक शानदार उपलब्धियां को छू रहा है।साइकिल से शुरू हुआ अंतरिक्ष का सफर आज नए कीर्तिमान गढ़ रहा है, चाँद पर कदम रखने वाला ये हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा मिशन है, इससे पहले 2008 में भारत ने चन्द्रमा पर चंद्रयान 1 भेजकर पूरे विश्व मे अपना डंका बजा दिया था यही वह परीक्षण था जब चंद्रमा पर पानी होने के संकेत मिले थे। और अब चंद्रयान-2 चन्द्रमा के अछूते हिस्से के बारे मे जानकारी देगा यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जाएगा जहां पर अभी तक किसी भी देश के कदम नही पड़े है , अमेरिका,रूस ,चीन के बाद भारत चन्द्रमा पर गहन अध्ययन करने वाला चौथा देश बन गया है चन्द्रयान -2 का उद्देश्य चन्द्रमा पर पर्यावरण को जानने के साथ साथ पानी एवं खनिज संपदा तथा उसका अद्ययन करना है 21 वी सदी में आज चन्द्रयान के सफल परीक्षण के बाद हमे आवश्यक्ता है तकनीकी शिक्षा को ओर बेहतर तरीके से बढ़ावा देना की ताकि नए नए वैज्ञानिक खोजे हो सके तकनीकी शिक्षा ही वह माद्यम है जो नए नए वैज्ञानिक कीर्तिमानों, खोजों , व परिक्षणों का जनक है, हमे अपनी तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए और उसको नए तौर तरीकों से स्कूलों में उसका प्रसार करना चाहिए क्योंकि आज का युवा मशीनों की ओर ज़्यादा आकर्षित होते हुए नजर आ रहा है लेकिन कम तकनीक के आभाव के कारण युवा अपने कोशल को विकसित नही कर पा रहा है सरकार को तकनीकी शिक्षा के मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि युवाओँ के हुनर को तकनीकी से जोड़कर नए नए वैज्ञानिक उपलब्धियों को छुआ जा सके और विश्व मे भारत अपने नए नए परीक्षणों के माध्यम से अपने नाम का परचम लहरा सके।


अमित चौहान

आकृष्ट फाउंडेशन

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